दिमाग में है- भेदभाव का कीड़ाविमला, देसूरीअरे ! हमारी पानी की मटकी से दूर रहना, नहीं तो हमारे पानी में कीड़े पड़ जायेंगे। तथाकथित ऊँची जाति की एक लड़की ने विमला और उसकी बहिन को ये बात बोली । यह बात सुनकर विमला को बहुत गुस्सा आया और उसने कहा- ऐसा क्या है हममें ? जो तुम्हारी मटकी के पास से गुजरने से उसमें कीड़े पड़ जायेंगे ? मटकी धोकर, पानी को छानकर भरोगे तो कीड़े नहीं पड़ेंगे । लेकिन जवाब मिला तुम नीची जात की हो, इसलिए । विमला मटकी के करीब से गुजरी और कहा-कल आकर देखती हूं, कितने कीड़े पड़े ।इसके बाद विमला सोचती रही कि लोगों में आज भी कितनी भेदभाव व ऊँच-नीच है, जो सही नहीं है । चूंकि विमला ने ‘दूसरा दशक’ से जुड़कर तर्क के साथ सोचना सीखा है, बोलना सीखा है । रात को बहिन के साथ चर्चा करते हुए विमला सो गई, लेकिन उसे कल का बेसब्री से इन्तजार था । अगले दिन कुम्हार के यहां से एक नई मटकी लेकर वो उस लड़की के घर गई, जिसने कल उसे टोका था । उसके घर जाकर उसने पानी की मटकी का ढक्कन खोलकर उस लड़की को कहा- देखो । एक भी कीड़ा नहीं पैदा हुआ है। कीड़ा तो घर वालों ने तेरे दिमाग में डाल दिया है, जात-पात का। हम सब इंसान हैं, बराबर हैं। विमला ने पानी से भरी वहीं मटकी फोड़ दी और कहा ये लो नई मटकी, इसमें पानी भरकर रखों । वह लड़की हक्की-बक्की रह गई । उसके घर वाले भी कुछ बोल न सकें।ऐसी हिम्मत रखने वाली विमला ने अपने (मेघवाल) समाज के साथ होने वाले भेदभावों को करीब से देखा व सहन भी किया। अब वो जात-पात को हटाने का कोई मौका नहीं छोड़ती। लड़कियों के पहनावे पर सवाल उठाने वालों को अपनी पसंद की जींस और टी-शर्ट पहनकर जवाब देने वाली विमला अपने जैसी अनेक ‘विमला’ तैयार कर रही है । विमला अपने किशोरियों के मंच में साथियों को जात-पात के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाने के लिए प्रेरित करती है। सभी किशोरियों में भी विमला के कारण आत्मविश्वास बढ़ा है। मजदूरी करने के लिए जब गाड़ियों में जाती है तो उनके साथ होने वाली छेड़छाड़ का भी मजबूती के साथ विरोध करती है।विमला वर्ष 2009 के उन दिनों को याद करते हुए कहती है कि जब मैं दूसरा दशक के जीवन कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी थी। मैं पांच लोगों में भी अपनी बात नहीं कह पाती थी, लेकिन आज सही जगह पर सही तरीके से अपनी बात कहती हूं । शोषण व हिंसा का विरोध करती हूं, युवामंच में भी यही बात समझाती हूं । विमला ने ‘दूसरा दशक’ से जुड़कर विभिन्न प्रशिक्षणों में भाग लिया। युवा शक्ति संगठन में वर्ष 2014 से सक्रिय रही। वर्तमान में ससुराल में रहकर बी.ए. अन्तिम वर्ष की पढाई कर रही है।
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